(भारत में आतंकवादी मुस्लिम भारत छोड़ दे वरना उन्हें जड़ मूल से खत्म कर दिया जाएगा।)
नई दिल्ली: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूजी सुशील कुमार सरावगी जिंदल ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर नरसंहार के पीछे कोई भी हो उसे बक्सा नहीं जाएगा। भारत में आतंकवादी मुस्लिम भारत छोड़ दे वरना उन्हें जड़ मूल से खत्म कर दिया जाएगा |
श्री सरावगी ने कहा कि हमारे पडोसी बांग्लादेश मे 5 अगस्त 2024 को जबरन, शेख हसीना की गवर्नमेंट का तख्ता पलट कर दिया गया फिर शुरू हुई जघन्य हिंसा, बलात्कार, तोड़-फोड़। अब तक हजारों की संख्या मे हिन्दू परिवारों का भारी नुकसान हुआ है। अनगिनत महिलाओं और लड़कियों का अपहरण, बलात्कार, हत्या सहित अनगिनत लोगों को मार दिया गया है। हिन्दुओं की संपत्ति, व्यवसायों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए उन्हें नष्ट कर दिया गया है। यह हिंसा मानव अधिकारों पर सबसे बड़ा आघात व हमला है।
श्री सरावगी ने कहा कि शेख हसीना की सरकार गिरते ही डीप स्टेट और मुस्लिम कट्टरपंथ समर्थित मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बन गई। सरकार बनते ही पहले तो उपद्रव में बाधा बनने लायक सभी अधिकारियों (पुलिस, सेना, न्यायालय आदि) को शेख हसीना समर्थित बताकर त्यागपत्र ले लिया गया। अब मैदान साफ होते ही कट्टरपंथी जमाते इस्लामी एवं विपक्षी खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के साथ मिलकर हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा का नंगा नाच शुरू हो गया। जो कि अब तक लगातार चल रहा है।
उन्होंने कहा सभी हिंदू जो प्रमुख स्थान पर नौकरी कर रहे थे, जैसे शिक्षक, प्रोफेसर आदि सबको मार-पीट कर त्यागपत्र पर हस्ताक्षर कराया गया और अब चुन-चुन कर हिन्दूओं पर आक्रमण किया जाने लगा।
उन्होंने कहा जशोरेश्वरी मंदिर, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2021 में बांग्लादेश गए थे तो उन्होंने एक मुकुट भेंट किया, वह गायब हो गया।हिन्दुओं की प्राचीन काल से चली आ रही दुर्गापूजा मनाने से भी रोका गया। माँ दुर्गा की मूर्ति रखने पर जमीन का टैक्स लिया गया। अब तो सभी पौराणिक मंदिरों में घुसकर खुलेआम मुर्तियां तोड़ी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर, सनातन जागरण मंच के प्रमुख प्रांतो दास की वृद्ध माता श्री चुमकि रानी दास की घर में घुसकर बलात्कार किया गया और निर्ममता से हत्या कर दी गई। 25 नवंबर, हिन्दूओं की आवाज उठाने वाले संत चिन्मय कृष्णदास को बंदी बनाकर जेल में डाल दिया गया है। बंगलादेश में हिन्दूओं के शरणागत बने इस्कॉन मंदिर पर हमला और उनके संतों की गिरफ्तारी शुरू हो गई। 29 नवंबर को चिट्टागोंग में स्थित चटेशवरी मंदिर जिसके ऊपर शहर का नाम रखा गया था, उस पर भी आक्रमण कर तोड़फोड़ किया गया। अति तो तब हो गई जब संत चिन्मय कृष्णदास को खाना देने वाले संत पर और उनके वकील पर हमला कर मार दिया गया। यह घोषणा भी कर दिया गया कि जो इनका केस लड़ेगा उसे मार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अब तक 408 से भी ज्यादा मंदिरों को तोड़ दिया गया है और उस पर दंगाइयों ने जबरन कब्जा कर लिया है। अनगिनत संख्या में हिंदू महिलाओं का अपहरण हुआ, बलात्कार हुए, अनेक प्रकार के अत्याचार हुए और उन्हें मार कर फेंक दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इन सब के आलावा, सैकड़ों की संख्या मे हिन्दू डाक्टरों, व्यवसाइयों, आवामी लीग पार्टी के हिन्दू कार्यकर्ताओं को व अन्य हिन्दुओं के साथ बुरी तरह से हिंसा की गई, उनके घर प्रतिष्ठान जला दिए गए, उनकी बहन बेटियों के साथ बलात्कार कर मार दिया गया। हिंसा हिंदू कलाकारों के प्रति भी देखी गई, 7 अगस्त को मशहूर गायक राहुल आनंद जी के घर पर हमला हुआ और उनका घर जलाकर सारी संपत्ति नष्ट कर दी गई।
उन्होंने कहा कि इस हिंसा में भारतीयों के प्रति भी द्वेश नजर आता है। भारत सरकार ने बांग्लादेश के साथ सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 2010 में इंद्रा गाँधी सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण करवाया था जिसको एक हिंसक भीड़ ने धावा बोल दिया और वहाँ पर जमकर तोड़फोड़ की।बांग्लादेशी हिन्दुओं के विरुद्ध मार-काट, हिंसा, बलात्कार, सम्पति व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर जबरन कब्जा और उन्हें मार मार कर भगाने का यह सिलसिला अब भी लगातार जारी है।
श्री सरावगी ने कहा बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति हो रही यह हिंसा मानवाधिकार पर सबसे बड़ा आघात है। प्रत्येक हिंदू का यह कर्तव्य है कि संकट की इस घड़ी में हम अपने बांग्लादेशी हिंदू भाई- बहनों के लिए आवाज उठाएं ताकि पूरी दुनिया का ध्यान इस भीषण नरसंहार की तरफ जाए व अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं दबाव बनाकर मोहम्मद यूनुस, जो कि आज बांग्लादेश के सर्वोच्च पद पर हैं, उनकी जवाब देही तय करते हुए हमारे हिंदू भाई बहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएं
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